किडनी खराब होने लक्षण कौन से है? निदान और उपाय की पूरी जानकारी

बदलती जीवनशैली के साथ हमारे खान पान और रहन-सहन की आदतें बदलती जा रही है, जो कि हमारी शारीरिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। दुर्भाग्य की बात ये है कि कई बीमारियां तो ऐसी होती है जिनके हल्के लक्षणों की वजह से हम उन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज करते रहते है.

और जब वो अपनी चरमसीमा पर पहुंचती है तो उसे संभालना बड़े से बड़े एक्सपर्ट डॉक्टर्स के हाथ में भी नहीं होता। बात करें किडनी से जुड़ी समस्याओं की, तो वो अब आम होती जा रही है.

आजकल हर उम्र के लोग किडनी से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित है, जिसमें अधिकांशत: लोग हल्के संकेतों को नजरअंदाज करते हुए त्वरित कार्रवाई नहीं करते इससे किडनी फेलियर या किडनी खराब होने तक के लक्षण बन जाते है। 

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किडनी खराब होने लक्षण – 

  1. ये बात सभी जानते है कि मानव शरीर को सुचारू रूप से चलाने में किडनी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। दरअसल शरीर में यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्पादों से रक्त को फिल्टर करने का मुख्य कार्य किडनी करती है। 
  2. ये सभी टॉक्सिन्स हमारे ब्लैडर में जाते हैं और पेशाब करते समय बाहर निकल जाते हैं। लेकिन जब बीपी, शुगर हाईलेवल पर होते है या किसी तरह की कोई गंभीर चोट लग जाती है तो किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थो को फिल्टर नहीं कर पाती, और किडनी के सुचारू रूप से कार्य ना करने के कारण शरीर से टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते वो शरीर में जमा होते रहते है.
  3. जिसके विपरित प्रभाव हमारे शरीर पर प्रहार करते है। इसके अलावा कई तरह की एंटी-बायोटिक दवाएँ, डायबिटीज, बीपी, पथरी, प्रोस्टेट, कीमोथैरेपी जैसी इलाज प्रणालियां भी किडनी फेलियर का मुख्य कारण बनती हैं। 
  4. हालांकि समय रहते कुछ बातों पर गौर किया जाए तो किडनी को खराब होने या किडनी फेल होने की स्थिति को रोका जा सकता है। इस लेख में हम आपको उन शुरूआती संकेतों के बारे में बताएंगे, जिससे आप ये जान पाएंगे कि किडनी खराब होने के लक्षण क्या है और किस तरह के उपाय किडनी की कार्यप्रणाली को दुरस्त करने में फायदेमंद साबित होंगे। 

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किडनी खराब होने के शुरूआती लक्षण

1; खून की कमी 

हालांकि खून की कमी जिसे एनीमिया भी कहा जाता है, होना सामान्य बात है लेकिन अगर कई तरह के उपचार करने के बाद भी आपका हीमोग्लोबिन लेवल नहीं बढ़ रहा, आपका चेहरा कांतिहीन या पीला नजर आने लगे अथवा आपको बहुत अधिक थकान रहती हो  तो उसके पीछे का कारण किडनी का खराब होना हो सकता है। ये आपके किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षणों में से एक है। 

2; भूख में कमी 

भूख में कमी के पीछे हालांकि और भी कई अन्य कारण हो सकते है लेकिन अगर आपको भूख कम लगने के साथ ही मितली, उलटी या फिर मुँह के स्वाद में बदलाव आने जैसी परेशानियां हो रही है तो ये किडनी खराब होने का शुरूआती लक्षण हो सकता है। 

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दरअसल होता क्या है कि जब किडनी जब अपना काम सुचारू रूप से नहीं करती तो इससे शरीर में विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ जाती है और इस वजह से उलटी, जी मचलाना जैसी दिक्कतें आती है। किडनी खराब होने के इस शुरूआती लक्षण को नजरअंदाज बिल्कुल ना करें, और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

3; पेशाब संबंधी परेशानियां 

किडनी का मुख्य कार्य मूत्राशय के जरिए शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने का होता है, लेकिन अगर आपको बार-बार पेशाब आना, कम मात्रा में पेशाब आना, 

या फिर सामान्य से ज्यादा पेशाब आने, पेशाब में जलन होना, पेशाब में खून या पस आने और इसके अलावा अगर आपको पेशाब आना बिल्कुल बंद हो जाए तो बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें, क्यूंकि ये सभी संकेत किडनी खराब होने के हो सकते है। यानि किडनी खराब होने के शुरूआती लक्षणों में पेशाब संबंधी परेशानियां बड़ा संकेत होती है। 

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4; अन्य लक्षण 

उपरोक्त लक्षणों के अलावा शरीर में सूजन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, पैरों में ऐंठन, शरीर में दर्द, फेफड़ों में पानी भर जाना, सांस लेने में तकलीफ. 

और मस्तिष्क पर प्रभाव आदि नजर आए तो उन्हें बिल्कुल भी हल्के में ना लें, और डॉक्टर की सलाह लेकर आवश्यक जांच और उपचार कराए।

किडनी की सुरक्षा के उपाय

  • फिट और सक्रिय जिंदगी जीने के लिए हरसंभव प्रयास करें, खासकर योगा और व्यायाम नियमित रूप से करें। 
  • ताजे फल और सब्जियों का अधिक सेवन करें, जबकि मांसाहारी, वसायुक्त और मीठी चीजों का सेवन कम करें। 
  • खाने में नमक का प्रयोग कम करें, क्यूंकि ये बीपी के स्तर को बढ़ाता है। 
  • रोज कम से कम 3 लीटर पानी पीए, इससे शरीर में जमा विषाक्त पदार्थ बाहर पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। 
  • लंबे समय तक दर्द निवारक दवाईयां लेने से बचें, क्यूंकि इसका सीधा असर आपकी किडनी पर पड़ता है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है। 
  • साल में एक बार किडनी फंक्शन से जुड़ी आवश्यक जांच कराए, खासकर वो लोग जिनके परिवार में अन्य किसी को किडनी की समस्या हो और वे लोग जो मोटापे, बीपी, डायबिटीज, प्रोस्टेट जैसी बीमारियों से ग्रसित है। 

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