कैल्शियम एक ऐसा खनिज है जिसकी व्यक्ति के शरीर में न तो अधिकता ही अच्छी हैं न कमी ही ! यदि शरीर में कैल्शियम की अधिकता हो जाए तो वोमिटिंग ,नौसिया , किडनी स्टोन और कैंसर जैसे खतरे व्यक्ति को घेर सकते हैं वहीं यदि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाएं तो दांतों का कमजोर होना , हड्डियों की समस्या और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं !
परन्तु आपको बताऊ की कैल्शियम हमारे शरीर के लिए काफी आवश्यक है. इसमें हमारे शरीर को मजबूत बनाने की क्षमता होती है. कैल्शियम प्रयोग हमारे शेर में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है. साथही दिल की कमज़ोरी को कम करने के लिए, मांसपेशियों के लिए भी किया जाता है. मुख्य रूप से हमारे शरीर का कैल्शियम हमारे मुँह में दातों को मिलता है और बाकि बचो हमारे दिल के लिए होता है. और हर एक व्यक्ति को अपनी उम्र के अनुसार कैल्शियम की खुराक आवश्यक होती है.
सामान्य रूप से यह 500 से 2000 मिलीग्राम के बीच हो सकता है बढ़ती उम्र के बच्चों में यह 500 से 700 मिलीग्राम , वयस्कों में 700 से 1000 मिलीग्राम तथा प्रेगनेंट महिलाओं मे 1000 से 1200 मिलीग्राम और यदि महिला स्तनपान कराती है तो उसे 2000 मिलीग्राम कैल्शियम की प्रतिदिन आवश्यकता होती है!
कैल्शियम की कमी क्या है ?
आज विश्व में करीब 800 मिलियन लोग कुपोषित हैं जिनमें 3.5 मिलियन लोगों में कैल्शियम की कमी का खतरा है इसका 90% खतरा उन लोगों को है जो एशिया और अफ्रीका में रहते हैं सामान्यत किसी भी व्यक्ति को प्रतिदिन 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है.
परंतु भारत में यह लोगों को औसतन केवल 429 मिलीग्राम ही प्राप्त हो रहा है ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी की समस्या देखी जा रही है! कैल्शियम की कमी को हाइपर्कैल्सीमिया भी कहा जाता है खास तौर पर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कैल्शियम की कमी अधिक होती है.
खासकर उन महिलाओ में जो बच्चों को दूध पिलाती है या 40 की उम्र पार कर चुके हैं उन में कैल्शियम की कमी अक्सर देखी जाती है कैल्शियम शिशु और मां दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है.
यह गर्भावस्था में गर्भवती महिलाओं का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है महिलाओं में मासिक धर्म ,गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान कैल्शियम की कमी हो जाती है !
हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर ज्यादातर प्रभाव शरीर के हड्डियों पर पड़ता है हड्डियां काफी कमज़ोर हो जाती है और थोड़े से एक्सीडेंट से हड्डियों का फ्रैक्चर होने की संभावना होती है. साथही आपके दातों पर भी असर होता है आपके दांत कमज़ोर और नाजुक हो जाते है. और दातों की ऊपरी परत भी कम जो जाती है और इसलिए दातों में कीड़े लगाने की संभावना बढ़ जाती है.
इसके अतिरिक्त कैल्शियम हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है यदि व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाए तो वह जल्दी ही बीमार पड़ने लगता है इसके अलावा उसे आंत तथा सांस संबंधी रोग भी प्रभावित करने लगते है! इंटरनेशनल आस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन यानी आईओएफ की माने तो एक आहार के रूप में कैल्शियम हड्डियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण घटक है इसकी कमी से शरीर में हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है इसके अतिरिक्त कैल्शियम की कमी से दांतों का सड़ना ,बेहोशी ,डिप्रेशन हाथ पैरों में झनझनाहट ,मोतियाबिंद और मांसपेशियों में दर्द जैसी बीमारियां पैदा होने लगती है!
कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या है?
वैसे तो कैल्शियम की कमी के लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते परंतु लंबे समय तक यदि शरीर में कैल्शियम की कमी बनी रहे तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपके शरीर में भी तो कैल्शियम की कमी नहीं है तो इन लक्षणों को ध्यान से देखें :
- हड्डियों का कमजोर होना अथवा हड्डियों में दर्द होना
- मांसपेशियों में ऐंठन रहना
- याददाश्त में कमी आना
- हाथ पैरों में झनझनाहट होना और अचानक शरीर में घबराहट होना
- दांतों का सड़ना अथवा उनमें में दर्द होना
- नाखून टूटना तथा नाखूनों पर सफेद चकते जम जाना
- अनिद्रा और भूख ना लगना
- महिलाओं को पीरियड में अत्यधिक दर्द होना आदि!
हम ऐसा नहीं कह रहे कि यह सभी लक्षण सिर्फ कैल्शियम की कमी से ही. हो सकते हैं कई बार अन्य समस्याओं के कारण भी ऐसा होता है परंतु फिर भी यदि ऐसे लक्षण दिखते हैं तो संभव है कि आपको भी कैलशियम की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो! ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना ब्लड टेस्ट कराएं और यदि कैल्शियम की कमी का पता लगे तो डॉक्टर की सलाह से उपचार लें साथ ही कैल्शियम रिच फूड का सेवन करना भी आपके लिए बेहतर रहेगा!
कैल्शियम की कमी क्यों होती है?
ज्यादातर कैल्शियम की कमी होने का सामान्य सा कारण है पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम ना लेना परंतु यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो भी आप कैल्शियम की कमी के शिकार हो सकते हैं क्योंकि विटामिन डी ही हमारे शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है इसकी कमी होने पर पर्याप्त मात्रा मैं कैल्शियम लेने पर भी हमारा शरीर उसका अवशोषण नहीं कर पाता !विटामिन डी का सबसे उत्तम स्रोत धूप है !इसके अतिरिक्त शारीरिक रूप से एक्टिव न रहने पर और अत्यधिक मात्रा में वसा, शुगर ,प्रोटीन तथा चाय ,कॉफी ,कोल्ड ड्रिंक, तंबाकू, शराब या अत्यधिक नमक का सेवन करना भी आपके शरीर में मौजूद कैल्शियम को नष्ट कर सकता है ! कैफ़ीन हमारे शरीर से कैल्शियम को सोखने का काम करता है इसलिए जितना हो सके अत्यधिक फास्फोरस या मैग्नीशियम से युक्त पदार्थों का सेवन करने से बचें!
यदि आप में है कैल्शियम की कमी तो कौन -कौन से रोग आपको परेशान कर सकते हैं?
यदि आपमे कैल्शियम की कमी है तो आपको रिकेट्स ( जिसमे हड्डियां इतनी नरम और लचकदार हो जाते हैं कि वह मुड़ने लगती है इसके अलावा पीठ टेढ़ी होना, माथा बाहर की तरफ उभर जाना जोड़ों के बीच जगह अत्यधिक हो जाना जैसी समस्या भी हो सकती है), ओस्टियोपोरोसिस ( जिसमे हड्डियां कमजोर होकर टूटने लगती है),टेटनी ( इसमें मांसपेशियों में ऐंठन नहीं लगती है यदि स्थिति गंभीर हो तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है), रूमेटाइड अर्थराइटिस ( इस रोग में जोड़ों में दर्द ,सूजन और जलन की समस्या होती है) और ओस्टियोमेलासिया ( इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं जिससे उनमें जल्दी ही फ्रैक्चर की संभावना रहती है) जैसे रोग हो सकते हैं!
इसके साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके शरीर में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में हो
यदि आप कैल्शियम की गंभीर कमी से ग्रस्त हैं तो आप डॉक्टर की सलाह पर कैलशियम सप्लीमेंट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं परंतु बिना डॉक्टर के परामर्श के कैलशियम सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से बचें!
इस प्रकार अपने आहार में थोड़ा सा बदलाव कर आप अपने शरीर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकते हैं साथ ही जरूरी है कि आप नियमित व्यायाम करें और योग को अपनाएं तथा स्वस्थ रहें!
Reference