दोस्तों, नमस्कार ! क्या आप भी गिलोय के काढ़े से जुड़ी जानकारी जानना चाहते हैं ? क्या आपको भी अपनी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है ? ऐसे ढेर सारे प्रश्नों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे। कोरोना काल में बहुत सारे लोगों ने गिलोय के काढ़े का सेवन किया। अब कोरोना वायरस का संक्रमण कम हो गया है लेकिन इसका अगला वेरिएंट कब अगली लहर लेकर आ जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
हम समस्याओं से पीछा नहीं छुड़ा सकते लेकिन उनसे मजबूती से लड़ सकते हैं। और नए रोगों से लड़ने में मजबूती तभी आएगी जब हमारा शरीर तंदुरुस्त अच्छा रहेगा। गिलोय का काढ़ा इस मामले में वरदान साबित होता है। और कई संस्थाओं के अनुसारर कुछ मामले में गिलोय का काढ़ा कोरोना वायरस में भी कारगर है. ये आपके शरीर के रोगों के लड़ने की क्षमता को बढ़ता है. और रोगों से लड़ने में मदद करता है.
गिलोय का काढ़ा सीमित मात्रा में लेने से शरीर की रोगों के लड़ने की क्षमता बढ़ती है यानी रोगों से लड़ने में मजबूती प्रदान करता है। इसके साथ इसके कई अन्य फायदे भी हैं जिसकी चर्चा हम आर्टिकल में आगे करेंगे। तो आज के आर्टिकल के मुख्य बिंदु नीचे दिए गए हैं जिसके बारे में हम आपको जानकारी देंगे –
- गिलोय क्या है ?
- गिलोय का काढ़ा कैसे बनाये ?
- गिलोय का काढ़ा के फायदे
- लगातार पूछे गए सवाल FAQs
गिलोय क्या है ?
कई शतकों से इंडिया में आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों का इस्तेमाल होता आया है और गिलोय इसमें एक महत्वपूर्ण पौधा है. और ऐसे ही इसमें अलग अलग जगह पर अलग अलग नाम भी है जैसे पंजाब में ग़ुल्लों और बंगाल में गुलचा। पर इसका महत्वा एक सामान है.
गिलोय का आयुर्वेद में काफी महत्व है. और इसके प्राकृतिक फायदों से इसे काफी रोगों से लड़ने में भी इस्तेमाल किया जाता है. चाहे आपका साधारण जुकाम हो या फीवर, आपके शरीर की इम्युनिटी बढ़ाना हो या फिर आपके शरीर को मजबूत बनाना हो हर एक शाखा में गिलोय काफी अच्छा माना जाता है.
गिलोय का काढ़ा कैसे बनाये ?
वैसे तो गिलोय के तने, जड़ और पत्तियों का इस्तेमाल विभिन्न उपचारों के लिए होता रहता है. लेकिन इसकी पत्तियों का काढ़ा आम लोगों में काफी प्रयुक्त होता है। और अगर आपको आयुर्वेद की बारे मे थोडीसी भी रुचि होगी इसके पत्तों से बना काढ़ा हर व्यक्ति ने कोरोना काल में जरूर पिया होगा। क्योंकि काढ़ा बनाना बेहद ही आसान है। इसकी पत्तियों का काढ़ा एक छोटा बच्चा भी बना सकता है। अगर आपके भी सवाल हैं कि गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं ? गिलोय का काढ़ा के फायदे इत्यादि तो काढ़ा बनाने की विधि और सामग्री को हमने नीचे बताया है –
सामग्री – संतुलित मात्रा में अदरक, काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी, अजवाइन, दो गिलास पानी, गिलोय की पत्तियां।
नोट – अगर गिलोय की पत्ती नही मिले तो मार्केट से इसकी सूखी पत्तियों का चूर्ण ले सकते हैं।
विधि –
- अदरक और काली मिर्च को ठीक से कूट लें।
- अब बर्तन में 2 गिलास पानी लेकर सभी सामग्री को पानी में डाल कर दस से पंद्रह मिनट तक भिगोकर रखें।
- इसके बाद इसे 15 से 20 मिनट तक मध्यम आंच पर पकने और उबलने दें।
- जब उबलकर आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें। और काढ़ा को ठंडा होने दें।
- अब आपका काढ़ा बनकर तैयार है।इसे कप में निकालकर सबको परोसें। यह काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने में मदद करेगी।
गिलोय का काढ़ा के फायदे
वैसे तो गिलोय के काढ़े अनगिनत फायदे होते है लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको कुछ मुख्या फायदों के बारेमे बताने वाले है.
- गिलोय का काढ़े में औषधि गुण होते है. और ये एक नेचुरल इन्सुलिन भी होता है. अगर आप हफ्ते में २ बार ही गिलोय का काढ़ा पीते है तो, कुछ की दिनों में आपके डायबिटीज में भी ये काफी कण्ट्रोल करता है.
- पेटपेड़ कुछ दर्द देयक समस्यायों को ठीक करता है. । अअगर आप खाना ठीक से नहीं खा पाते आपको पचने में तकलीफ होती है या फिर आपको कब्ज है तो इस समस्या में गिलोय काफी असरदार है.
- गिलोय का काढ़ा आपके खून में अन्वेषक घटकों को फ़िल्टर करता है और इसलिए अगर आपको चहरे पर दाने आने की प्रॉब्लम है तो ये उसे भी साफ़ कर देता है.
- डेंगू, टायफाइड, मलेरिया जैसे रोगों में भी इसका काढ़ा बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके रोजाना सेवन से मरीजों को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
- यदि गिलोय नीम के पेड़ पर उगा हुआ है तो नीम के औषधीय गुण मिल जाते हैं और फायदेमंद हो जाता है गिलोय।
निष्कर्ष
दोस्तों हमने इस आर्टिकल में गिलोय और गिलोय का काढ़ा कैसे बनाये से संबंधित सभी जानकारियां आपको दिया। गिलोय का काढ़ा के फायदे के बारे में भी आपने जाना। अगर आप भी पेट, त्वचा, आदि समस्याओं से परेशान हैं तो कुछ दिन गिलोय के काढ़े का सेवन करके देखें। अगर आपको लगता है कि यह आपके शरीर को सूट कर रहा है तो इसके इस्तेमाल को जारी रखें।
दोस्तों, गिलोय के काढ़े से मिलने वाले फायदे बेहतरीन हैं। लेकिन फिर हम आपको सलाह देना चाहेंगे कि काढ़े का इस्तेमाल करने से पहले एक बार नजदीकी वैद्य या आयुर्वेद विशेषज्ञ के परामर्श के बाद ही उपयोग करें। खासकर अगर आप किसी बीमारी के शिकार हो जैसे शुगर या पथरी आदि।
स्वस्थ लोग गिलोय के काढ़े का इस्तेमाल प्रयोग के तौर पर कर सकते हैं।
हमने गिलोय के काढ़े से संबंधित सभी जानकारी को आप तक पहुंचाया। उम्मीद है हमारा आर्टिकल आपको पसंद आया होगा।
लगातार पूछे गए सवाल FAQs
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गिलोय का काढ़ा कितनी मात्रा में पीना चाहिए ?
गिलोय के काढ़े को सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए। कुछ लोग फायदे जानकर अधिक मात्रा में पीने लगते हैं जिसके कारण उन्हें कई साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं। हालांकि साइड इफेक्ट्स गंभीर नहीं होते। गिलोय के काढ़े को दिन में एक बार, आधा कप पीना चाहिए।
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क्या कोरोना के लिए भी असरदार है गिलोय का काढ़ा ?
गिलोय का काढ़ा कोरोना पर सीधे असर नहीं करता लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए जो चाहिए उसमे कुछ योगदान जरूर देता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे नए रोगों से लड़ने के लिए हमारा शरीर तैयार रहता है।
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क्या गिलोय के काढ़े को बच्चों को पिलाया जा सकता है ?
पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए गिलोय का काढ़ा नुकसानदेह हो सकता है। गिलोय एक गर्म तासीर की जड़ीबूटी है। इसे छोटे बच्चों के लिए नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। हां, जो आठ दस साल के बच्चे हैं, उनको गिलोय का काढ़ा बिल्कुल दिया सकता है।
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क्या गिलोय के काढ़े को हमेशा पीना चाहिए ?
गिलोय का काढ़ा पूरे साल नही पीना चाहिए। इसका इस्तेमाल ठंडी, बरसात में कर सकते हैं क्योंकि ठंडी में आपके शरीर को गर्म भी रखेगा और अन्य फायदे देगा। बरसात में नए नए रोग उत्पन्न होते रहते हैं इसलिए बरसात में जरूर करें। सबसे सही तरीका तो यह है कि स्वस्थ व्यक्ति इसे महीने के पांच दस दिन इच्छानुसार पी सकते हैं। लेकिन अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है, आप जल्दी बीमार पड़ जाते हैं तो इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करें। अगर आपके शरीर को सूट करता है तो पीना जारी रखें।