पतंजलि कान की दवा (दिव्य सरीवादी वटी) के फायदे और जानकारी

नमस्कार मित्रों, कान हमारे शरीर का बहुत ही एसेंशियल हिस्सा है। इसके होने से ही हम दुनिया को सुन पाते हैं म्यूजिक को समझ पाते हैं, अच्छे अच्छे लेक्चर सुन पाते हैं और ढेर सारे एक्शन हम कानों की सहायता से लेते रहते हैं। कान का हमारे लाइफस्टाइल में बहुत ही इंपोर्टेंट योगदान होता है।

इसलिए हमे कान का ध्यान जरूर रखना चाहिए। कान को आजीवन स्वस्थ रखने के लिए हमे इस पर प्रॉपर ध्यान देना चाहिए। जैसे अगर कान में छोटी मोटी दिक्कत होती है तो हमे इसे नजरअंदाज नही करना है बल्कि इस समस्या को वहीं पर खत्म कर देना है। 

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अगर आपको पहले ही कान में कोई दिक्कत है तो आपको इस आर्टिकल में बहुत ही काम की जानकारी मिलेगी और साथ ही हम पतंजलि कान की दवा का रिव्यु करेंगे जो आपके लिए लाभदायक हो सकती है। 

पतंजलि कान की दवा के नियमित इस्तेमाल से आपके कान की प्रॉब्लम सॉल्व हो सकती है। इस दवा के फायदे और नुकसान आगे बताए गए हैं। 

आर्टिकल का कंटेंट – 

  • कान से जुड़े मुख्य रोग 
  • दिव्य सरीवादी वटी का रिव्यु 

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पतंजलि कान की दवा, दिव्य सरीवादी वटी का रिव्यु

अगर आपके कानों में आवाजें आती हैं, कम सुनाई देता है या कानों से पानी निकलता है और आप उसे ठीक करना चाहते हैं। और साथ में यह भी चाहते हैं कि दवाई आयुर्वेदिक हो तो आप पतंजलि कान की दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इसके फायदे और कमियां नीचे बताए गए हैं। 

फायदे 

  • इसमें मौजूद है दालचीनी, गिलोय, तेजपत्र, मुलेठी, इलाइची, अभ्रक भस्म, कमल के फूल और ऐसे ही कई अन्य जड़ीबूटियां जो आपके कान को भरपूर पोषण देने का काम करती हैं। 
  • टिनिटस ( कान में आवाज सुनाई पड़ना ) के मरीजों के लिए यह दवा काफी अच्छी और असरदार है। 
  • बात करें इसके अंदर के कंटेंट की तो इसमें आपको 160 टैबलेट मिल जाती हैं। और रोजाना आप दो टैबलेट का सेवन कर सकते हैं। 
  • 18 साल से अधिक उम्र के पुरुष और महिलाएं इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं।
  • किसी भी प्रकार की कान की प्रॉब्लम हो, चाहे कान दर्द हो रहा हो या पानी निकल रहा हो  सभी में पतंजलि कान की दवा का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।
  • प्राइस की बात करें तो काफी अफोर्डेबल प्राइस में यह ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध है। 

कमियां 

  • बच्चों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए वरना उनमें गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। 
  • ओवरडोज न लें अन्यथा पेट की समस्या आ सकती है। 
  • प्रेगनेंट महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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बरतें सावधानी 

  • अगर आपको कान की समस्या है तो कृपया शोरगुल से दूर ही रहें। जैसे शादी विवाह में डीजे से दूर रहें। 
  • सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लें। कान की हेल्थ सही रखने के लिए आप योग कर सकते हैं। 
  • फाइबर से भरपूर खाना खाएं। धूम्रपान, सिगरेट का सेवन कम करेंअगर चाय पीने की आदत है तो इसका भी सेवन कम करें।
  • इयरफोन का इस्तेमाल कम से कम करें। टेंशन और स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें।

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कान से जुड़े मुख्य रोग 

वैसे तो कान से जुड़ी छोटी मोटी दिक्कतें होती रहती हैं। लेकिन हम आपको कुछ कॉमन रोग बताएंगे जो गंभीर भी हैं और अक्सर देखने को मिलते हैं। सबसे पहले टिनिटस आता है जिसे अक्सर लोगों में पाया जाता है। उसके बाद कान में फंगस होना, कान से गाढ़ा पानी निकलना, कम सुनाई देना जैसे रोग काफी आम हैं। नीचे सभी रोगों की जानकारी डिटेल में बताई गई है।  

1. टिनिटस ( कानों का बजना ) : 

कुछ लोगों को उनके कानों में बेवजह ही अलग अलग आवाजें सुनाई देती हैं। ये आवाजें बाहर से नही आती हैं बल्कि शरीर के अंदर की ही होती हैं। और इस कान के रोग को हम टिनिटस बोलते हैं।  

 अगर आपके कान में मैल जम गई है तो आपको आवाजें सुनाई देती हैं। इसके अलावा अगर आप एस्प्रिन दवा अधिक ले रहे हैं तो भी आपको टिनिटस हो सकता है। 

अगर आप बहुत ज्यादा नमक खा लेंगे तो भी आपको कान में आवाजें आएंगी। यहां तक कि खूब पानी पी लेंगे तो भी आवाजें आती हैं। और अगर आप स्ट्रेस में हैं तो भी आपके कान बज सकते हैं यानी आपको टिनिटस हो जाता है। 

कम या ज्यादा लेकिन बहुत सारे लोगों में टिनिटस की समस्या देखने को मिलती है। 

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2. ओटाइटिस मीडिया ( कान से पानी बहना ) : 

गले या नाक से होते हुए जब कोई बैक्टीरिया मिडल ईयर तक पहुंच जाता है तब वह इसे संक्रमित कर देता है। संक्रमण के कारण कान से मवाद या पानी निकलने लगता है। अगर यह पानी छह हफ्तों के बाद भी निकलता है तो यह रोग क्रोनिक हो जाता है जिसे मेडिकल लैंग्वेज में क्रोनिक सपोरेटिव ओटाइटिस मीडिया कहते हैं। 

पानी भरने के कारण कान के परदे पर सूजन आ जाती है। पानी के प्रेशर के कारण परदे में छेद भी हो जाता है जिससे मवाद बाहर निकलने लगता है। अगर यह संक्रमण मस्तिष्क तक पहुंच जाता है तो जानलेवा भी साबित होता है। 

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3. ओटोस्लेरॉसिस ( हियरिंग लॉस )

यह वंशानुगत होने वाला रोग भी है जिसमे मरीज को कम सुनाई देता है या बिल्कुल सुनाई नही देता है। यह रोग तब होना शुरू होता है जब कान की हड्डी स्टेपिस में सफेद जंग लग जाता है जिससे ऑडियो सिग्नल पहुंच नही पाते हैं और ब्लॉक होने लगते हैं। 

हियरिंग लॉस अक्सर महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। इसके इलाज के ऑप्शन के रूप में आप सर्जरी करवा सकते हैं या फिर ईयर मशीन का उपयोग कर सकते हैं।  

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4. ओटोमाइकोसिस ( कान का फंगस ) : 

कान में नमी होने के कारण कान में फंगस लगना शुरू होता है। एस्पेरजिलस और कैंडिडा नाम के फंगस अक्सर कानों को प्रभावित करते हैं। 

कान में नमी या तो बाहर से आती है या फिर कान में पसीना होने से। नहाते समय या तैरते समय कभी कभी पानी कान के अंदर चला जाता है जो फंगस को जन्म देता है। 

कान में खुजली होना, कान का भरापन होना, कान में दर्द का होना फंगस के लक्षण हैं।  

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5. कान में कीड़ा जाना

कान की दिक्कतों में से एक दिक्कत और आती है कि कभी कभी हमारे कान में कोई कीड़ा – मकोड़ा या चीटी या कोई और जीव चला जाता है तो ऐसे में सबसे पहले आप राई के तेल या कोकोनट ऑयल को कान में डाल सकते हैं । फिर कान को नीचे की तरफ पलट लें, जिससे चीटी बाहर निकल सकती है।

लेकिन इसके बावजूद भी अगर वह नही निकलती है तो आप कॉटन बॉल से निकालने की कोशिश कर सकते हैं। अगर तब भी वह नही निकलती है तो आप किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। क्योंकि चींटी अगर काफी अंदर चली गई है तो हमे खुद से निकालने का प्रयास नहीं करना चाहिए। हालांकि चींटी को आप अगले दिन भी निकलवा सकते हैं। 

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लगातार पूछे गए सवाल | FAQs

  1. कान की दवा कौन सी है?

    वैसे तो कान की कई सारी दवाएं आती हैं लेकिन अगर आप किसी आयुर्वेदिक दवा को लेना चाहते हैं तो पतंजलि का दिव्य सरीवादी वटी को ले सकते हैं।

  2. कान बहने पर क्या करना चाहिए?

    कान बहने पर आपको डॉक्टर द्वारा बताए गए ड्रॉप का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा ऐसे केस मे डॉक्टर अक्सर आपके कान की सर्जरी करने के लिए बोलते हैं। अगर आप सर्जरी करवा लेते हैं तो आप गंभीर और जानलेवा स्थिति में जाने से बच सकते हैं। 

  3. कान में घाव हो जाए तो क्या करें?

    कान में घाव होने पर आप किसी नजदीकी ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। ईएनटी स्पेशलिस्ट आपके प्रॉब्लम को अच्छे से समझते हैं और घाव का बड़ी आसानी से इलाज कर सकते हैं। 

  4. कान में से पानी क्यों निकलता है?

    कान में से पानी निकलने का एक मुख्य कारण होता है। और वो है इन्फेक्शन। जब आपके कानों में इंफेक्शन शुरू हो जाता है तब आपके कानों से पानी निकलने लगता है। 

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