टीबी एक खतरनाक बीमारी है. और महिलाओं में टीबी की समयसे मरने का प्रमाण भी काफी ज्यादा है. 2020 की रिपोर्ट को मानें तो 10 मिलियन लोगों को टीबी हुई थी और उसमेसे ३ मिलियन सिर्फ महिला थी.
लोगो को यह भ्रम होता है यह केवल फेफड़ों की बीमारी है, किन्तु ऐसा बिलकुल नहीं है यह एक ऐसी बीमारी है, जो फेफड़ों से लेकर दिमाग तथा यूटरस में भी हो सकती है। महिलाओं में टीबी की बीमारी गर्भाशय पर काफी बुरा असर डालती है, जिसके कारणवश महिलाएं बांझपन की शिकार भी हो जाती है। आज के लेख में हम आपको महिलाओ में टीबी के लक्षण, निदान और उपचार की पूरी जानकारी देंगे।
लक्षण
महिलाओं में टीबी के सामान्य लक्षण इस प्रकार है.
- 2 हफ्ते या ज्यादा समय तक खाँसी आना
- खांसी में खून या बलगम आना
- बिना काम करे थकान महसूस होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- ठंड लगना और बुखार आना
इसके अतिरिक्त अन्य लक्षण
आपको जानकारी देना चाहेंगे की टीबी के प्रकार दो है। पहला, पल्मोनरी टीबी ( जिसमे फेफड़े संक्रमित होते) व दूसरा, एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी ( जिसमे फेफड़ों के बजाय ग्रसित के शरीर के अन्य अंगों पर असर होता है और उसी प्रकार लक्षण दिखाई देते है)।
- लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, पीरियड्स का अनियमित होना, वेजिनल डिस्चार्ज, सेक्स के बाद दर्द होना, हार्ट की पल्स का तेज चलना यूटेरस में टीबी के लक्षण है।
- यदि खाना खाकर या पानी पीते ही उलटी हो रही है तो यह आंतो की टीबी के लक्षण है।
- नोड्स में सूजन, बोलने में दिक्कत, खाने में दिकक्त गले की टीबी के लक्षण है।
- यदि व्यक्ति में टीबी का दौरा, बेहोशी छाना और मिर्गी जैसे लक्षण दिखाई दे रहे है तो यह दिमाग की टीबी है।
- पेशाब में रक्त का आना किडनी में टीबी का लक्षण है।
- जोड़ों और हड्डियों में दर्द, हड्डी में टीबी के लक्षण है।
- सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, लगातार खांसी आना और इसके साथ बलगम व कभी कभार खून आना फेफड़ो में टीबी के लक्षण है।
नोट: बिना किसी लक्षण के दिखाई दिए भी यूटरस का टीबी हो सकता है। कई बार
इनफर्टिलिटी से परेशान होकर महिला डॉक्टर से जांच करवाती है उसके बाद पता चलता है की फैलोपियन ट्यूब को क्षति पहुंची है और यूटरस में कई सारे जाले बन चुके हैं। जिसके वजह से पीरियड्स नहीं होते है।
निदान ( Tb disease diagnosis)
टीबी का परिक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके लिम्फ नोड्स की जांच करेगा और देखेगा की क्या इसमें सूजन है। इसके अतिरिक्त वह स्टेथोस्कोप का उपयोग करके आपके फेफड़ों द्वारा सांस लेने के दौरान होने वाली आवाजों को सुनेगा।
हालाँकि टीबी के लिए सबसे अधिक प्रयोग किये जाने वाला निदान त्वचा परीक्षण है, इसमें ट्यूबरकुलिन नामक पदार्थ की एक छोटी सी मात्रा को आपके अग्रभाग(forearm) के अंदर की त्वचा के ठीक नीचे इंजेक्ट किया जाता है। आपको इसमें केवल सुई की हल्की चुभन महसूस होती है।
48 से 72 घंटों के भीतर, डॉक्टर इंजेक्शन स्थल पर सूजन के लिए आपके हाथ की जांच करेगा। यदि आपके हाँथ पर सख्त, उभरी हुई लाल गांठ है तो इसका अर्थ है कि आपको टीबी संक्रमण होने की संभावना है। गांठ का आकार से यह निर्धारित किया जाता है की जाँच का परिणाम महत्वपूर्ण हैं या नहीं।
कभी कबार टीबी त्वचा परीक्षण सही नहीं होता है। कभी कबार जाँच बताती है की व्यक्ति को टीबी है, जबकि उसे टीबी नहीं होता है। और कभी कभार जांच बताती है की टीबी नहीं है जबकि व्यक्ति को टीबी होता है। गलत नकारात्मक परिणाम आने के कारण टीबी के लिए अन्य जांचे की जाती है।
टीबी का पता लगाने के लिए किये जाने वाले परिक्षण
- रक्त की जांच (Blood Test)
- इमेजिंग जांच (Imaging Test)
- बलगम की जांच (Sputum Test)
1. रक्त की जांच
रक्त की जांच से टीबी का टेस्ट कर सकते हैं। ये टेस्ट टीबी बैक्टीरिया के प्रति आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली(इम्युनिटी सिस्टम) की प्रतिक्रिया को देखते हैं। यदि आप टीबी संक्रमण से बहुत ज्यादा ग्रसित है किन्तु आपके त्वचा परिक्षण नकारात्मक आया था या आपने हाल ही में बीसीजी वैक्सीन लिया है तभी रक्त की जांच आपके लिए उपयोगी होगी।
2. इमेजिंग जांच
यदि आपका स्किन टेस्ट पॉजिटिव आया है तो संभावना है की डॉक्टर आपको छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन कराने के लिए कहे। यह आपके फेफड़ों में सफेद धब्बे दिखा सकता है जहां आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ने टीबी बैक्टीरिया को बंद कर दिया है। या यह आपके फेफड़ों में सक्रिय तपेदिक के कारण होने वाले परिवर्तनों को दिखा सकता है।
3.बलगम की जांच
यदि आपकी छाती के एक्स-रे में टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका डॉक्टर आपके थूक के नमूने ले सकता है – वह बलगम जो आपको खांसी होने पर आता है। नमूनों का परीक्षण टीबी बैक्टीरिया के लिए किया जाता है। इस जाँच के परिणाम प्राप्त करने में चार से आठ सप्ताह लग सकते हैं।
महिलाओं में टीबी का इलाज
टीबी का प्रभाव काफी खतरनाक होता है. अगर आपको हाल ही में टीबी हुई है तो आपको डॉक्टर एंटीबायोटिक दवा देंगे. और कुछ स्थितियों में ये दवा कहने के बढ़ भी टीबी का प्रभाव बढ़ने की संभावना होती है. ये दवा आपको सामान्यतः ६ महीने तक कहानी होती है लेकिन आपके अवस्था के अनुसार आपको डॉक्टर टीबी की दवा खाने की विधि बताएँगे.
आपको जानकारी देना चाहेंगे की दवाएं और उपचार की अवधि आपकी उम्र, स्वास्थ्य और आपके शरीर में संक्रमण के स्थान पर निर्भर करती है।
आम टीबी की दवाएं
यदि आपको लटेंट टीबी है, तो आपको केवल एक या दो प्रकार की टीबी की दवाएं लेने की आवश्यकता हो सकती है। यदि आपको एक्टिव टीबी है तो आपको एक साथ कई दवाओं की आवश्यकता होगी। टीबी के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम दवाओं में शामिल हैं:-
- Isoniazid
- Pyrazinamide
- Rifampin (Rifadin, Rimactane)
- Rifampin (Rifadin, Rimactane)
दवाओं के साइड इफेक्ट्स:-
वैसे तो आमतौर पर टीबी के दवाओं के साइड इफेक्ट्स नहीं होते है। लेकिन यदि साइड इफ़ेक्ट हुए तो वे काफी खतरनाक हो सकते है। आपको जानकारी देना चाहेंगे की तपेदिक की साड़ी दवाये आपके लिवर के लिए जहरीली(टॉक्सिक) हो सकती है। इसलिए इन दवाओं को लेते समय, निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएं:-
- मतली या उलटी आना
- भूख में कमी
- त्वचा का पीला होना
- गहरे रंग की पेशाब आना
- धुंधली दृष्टि
नोट:- यदि आप प्रेग्नेंट है और फॅमिली प्लानिंग कर रही है तो अपने डॉक्टर को जरूर बताये। इस दौरान आपकी प्रेगनेंसी को ध्यान में रखते हुए आपके डॉक्टर इलाज करेंगे।
टीबी जोखिम कारक (TB Risk Factors) क्या है?
वैसे तो टीबी की बीमारी किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ चीज़े इसके जोखिम को बढ़ा सकती है जानिए क्या?
- यदि किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो उसे टीबी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
- भीड़भाड़ भरी जगह और खराब वेंटिलेशन वाली जगह जैसे जेल, नर्सिंग होम, मनोरोग अस्पतालों आदि में रहना या काम करने जाने से भी इसका खतरा होता है।
- जिन्हे टीबी है ऐसे व्यक्ति के संपर्क में रहना भी टीबी के जोखिम को बढ़ाता है।
यदि आपको लम्बे समय से उपरोक्त लक्षण बने हुए है तो सावधान हो जाइए और समय पर डॉक्टर को दिखाकर अपना इलाज करवाएं। अपनी प्रतीक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए फलो और सब्जियों को अपने आहार में शामिल करे और नियमित कुछ समय योग को भी दे।
Reference
https://www.who.int/news-room/fact-sheets/detail/tuberculosis