दोस्तों, खांसी का आना हमारे शरीर के डिफेंस मैकेनिज्म के तरीकों में से एक है। यानी हमारे गले में जब विषाणुओं का हमला होता है, विषाणु हमारे श्वास नली में आकर प्रवेश कर जाते हैं तो हमारा डिफेंस मैकेनिज्म एक्टिव होता है और विषाणुओं को बाहर निकालने के लिए हमें खांसी आती है और बलगम निकलते हैं। हालांकि सूखी खांसी में मामला इससे थोड़ा अलग होता है।
सूखी खांसी आना बेहद ही कष्टदायक होता है क्योंकि इससे हमारे फेफड़ों में काफ़ी दर्द होता हैं। साथ ही गले में भी पीड़ा उठती है। सूखी खांसी नॉर्मल खांसी से थोड़ा अलग होती है। जहां नॉर्मल खांसी में जो सर्द जुकाम से आती है, बलगम निकलता है वहीं सूखी खांसी बिना कफ के, बिना किसी पदार्थ के निकले ही बिल्कुल साफ आती है।
इसलिए इसका नाम भी सूखी खांसी है। सूखी खांसी के लिए सिरप से जुड़ी हर जानकारी को प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। आज के हमारे आर्टिकल की कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं –
- सूखी खांसी का कारण।
- सूखी खांसी के लक्षण।
- सूखी खांसी की दवा।
- सूखी खांसी का सिरप नाम लिस्ट।
- सूखी खांसी के लिए सबसे अच्छी सिरप।
- थ्रोट लॉन्जेज
सूखी खांसी के लिए सबसे अच्छी सिरप
यद्यपि हमने सभी भारतीय और आयुर्वेदिक सिरप के नाम बताए हैं। आप कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हर व्यक्ति को अलग अलग सिरप सूट करता हैं। इसलिए अगर आप इनमे से कोई भी सिरप लेना चाहते हैं तो पहले आप डॉक्टर से पूछ लें कि आपके शरीर और उम्र के हिसाब से कौन सा सिरप ठीक रहेगा। आप अंग्रेजी सिरप भी ले सकते हैं।
फिर भी आप अगर बेस्ट सिरप का नाम जानना चाहें तो KASVIRAM सिरप बेस्ट है और इसके अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं। यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक है और जड़ी बूटियों से मिलकर बनी हुई है। इसीलिए हमने इसे नंबर एक पर रखा हुआ है।
सूखी खांसी सिरप नाम लिस्ट
सिरप में भी कई वैरायटी है। कुछ सिरप आयुर्वेदिक हैं तो वहीं कुछ अंग्रेजी सिरप भी उपलब्ध है। हम यहां पर विदेशी सिरप की बात न करके भारतीय सिरप के बारे में आपको बताएंगे। क्योंकि भारतीय सिरप जो कि मूलतः आयुर्वेदिक हैं तो उनसे कोई साइड इफेक्ट्स की संभावना नहीं रहेगी। सभी आयुर्वेदिक सिरप के नाम नीचे दिया गए हैं।
- KASVIRAM हनी काउग सिरप। वयस्कों के लिए है सूखी खांसी के लिए आयुर्वेदिक खांसी सिरप। शहद, तुलसी मुलेठी, कंटकारी और वासाका से मिलकर बनता है।
- Tulsicof एक आयुर्वेदिक खांसी सिरप है। सूखा, प्रदूषण, लंबी अवधि की खांसी के लिए स्वाभाविक रूप से खांसी को ख़त्म करने के लिए। श्वास, प्रतिरक्षा, तुलसी, पुदीना, यास्टिमाडू से मिलकर बना है।
- Babuline आयुर्वेदिक एडल्सा खांसी सिरप सर्दी और गीली सूखी खाँसी के लिए।
- Bibo नेचुरल गले सेफ्टी पैक है। सूखी खांसी के लिए। गले में खराश के लिए। सिरप और स्प्रे इम्यूनिटी प्रोटेक्टर हैं।
- Siddhayu Cof Yogue यह बैद्यनाथ ब्रांड का आयुर्वेदिक कफ सिरप है जो सूखी खांसी के लिए लाभदायक है। यह वयस्कों के इस्तेमाल के लिए है।
- Kofedo आयुर्वेदिक खांसी सिरप गीले और सूखी खाँसी के लिए। धूम्रपान करने वालों की खांसी और गले की जलन के लिए। बच्चों और वयस्कों के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
सूखी खांसी का कारण
सूखी खांसी के मुख्य रूप से तीन चार कारण होते हैं। हालांकि अधिकतर मरीजों में सूखी खांसी आने के कुछ कॉमन कारण भी देखने को मिले हैं। सभी कारणों को हम नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से व्याख्या करेंगे।
- सबसे पहला और कॉमन कारण होता है वायु प्रदूषण, गंदा वातावरण, धूल भरी हवा में सांस लेने से। गंदगी और धूल गले में जाकर चिपक जाते हैं जिसके फलस्वरूप हमे सूखी खांसी आने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातर लोगों को इस वजह से भी सूखी खांसी आती है।
- दूसरा कारण है अस्थमा जैसे रोग से ग्रसित होना। जो अस्थमा से पीड़ित है उन्हें दोनो प्रकार की खांसी आती है। लेकिन अक्सर देखा गया है कि अस्थमा रोगियों को भी सूखी खांसी ज्यादा आती है।
- तीसरा कारण है जर्ड रोग का होना। जर्ड रोगी जो सीने में जलन की परेशानी से जूझ रहे होते हैं, उन्हें भी सूखी खांसी आने की संभावना बनी रहती है।
- और चौथा कॉमन कारण है इंफेक्शन। इंफेक्शन के ठीक होने जाने के कुछ दिन बाद तक खांसी आती रहती है, जिससे कोई कफ नही निकलता। यह भी सूखी खांसी होती है।
सूखी खांसी के लक्षण
- अक्सर सूखी खांसी के लक्षणों में से एक है गले में खराँस का होना।
- फेफड़ों में भी काफी दर्द बना रहता है। फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण लगातार खांसी का आना।
- सिर में दर्द कम या ज्यादा बना रहता है।
- शरीर में भी दर्द का होना।
- श्वास नली में सूजन होना। लगातार खांसी आने की वजह से श्वास नली फूल जाती है।
सूखी खांसी की दवा
सूखी खांसी थोड़ी दर्दनाक होती है इसीलिए इसकी दवा ले लेनी चाहिए। तीन चार दिनों से आ रही सूखी खांसी को बिल्कुल भी नजरंदाज न करें। और डॉक्टर के पास जाकर दवा लें।
मार्केट में सूखी खांसी की कई दवाएं उपलब्ध हैं। हालांकि कई आयुर्वेदिक और घरेलू दवाएं भी सूखी खांसी से राहत दे देती हैं। चूंकि सूखी खांसी में हम कोई बलगम, कफ नही आता है और सीने इत्यादि में दर्द बना रहता है इसलिए जरूरी है कि हमे दर्द से राहत मिले। इसलिए कुछ अंग्रेजी दवाएं मार्केट में उपलब्ध हैं जिनके नाम नीचे दिए गए हैं।
- ब्रॉम्फेनीरामाइन,क्लोरफेनैमाइन,डिफेनहाइडरामाइन,डॉक्सिलामाइन, प्रोमैटाइलिन या त्रिप्रिल्डिन
- डिक्स्रोमाथार्फ़न या फोल्कोडाइन।
- फेनिलफ्रिन, स्यूडोफेड्रिन, एफ़ेड्रिन, ऑक्सीमेटाज़ोलिन, या ज़ाइलमेटामाज़ोलिन।
- ग्वाइफेनेसन या आईपेकैकुन्हा।
किसी भी प्रकार की दवा सीधे डॉक्टर की सलाह पर लें। खुद ही मेडिकल पर जाकर खरीदने की गलती मत करें। एक बार डाक्टर से पूछ लें उसके बाद ही खुद से खरीदें।
थ्रोट लॉन्जेज
लोंजेज एक प्रकार की मीठी गोलियां होती हैं जो गले की खराँस और दर्द को कम करती हैं और खांसी आने से रोकने में सहायक होती हैं। ये लॉन्जेज आमतौर पर पिपरमिंट, अदरक , मधु ( शहद ) आदि से मिलकर बनती हैं।
गोलियों का सेवन करने से कुछ समय के लिए खांसी से राहत मिलती है। लेकिन यह राहत तब ही तक होती है जब तक यह गोली आपके मुंह में रहती है और आप इसे चुभलते रहते हैं।
जैसे ही गोलियां खत्म होती हैं, अक्सर खांसी फिर से शुरू हो जाती है। इसलिए इन गोलियों का सेवन आपको हमेशा नही करना चाहिए। अगर आपने दवा नही ली है और खांसी से बुरी तरह परेशान हो चुके हैं तो मीठी गोलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने देखा कि सूखी खांसी क्या होती है और उसके लक्षण, दवा, सिरप आदि के बारे में जानकारियां प्राप्त की। दोस्तों सूखी खांसी कोई गंभीर बीमारी तो नही लेकिन कई गंभीर बीमारियों के होने का संकेत जरूर कर देती है। अस्थमा जैसी बीमारी भी सूखी खांसी से ही पता चलती है। सूखी खांसी से निपटने के लिए घरेलू उपचार भी किए जा सकते हैं।
चूंकि हमारे पास आयुर्वेदिक सिरप मौजूद हैं इसलिए हम सीधे उनका ही इस्तेमाल कर सकते हैं। दोस्तों अगर आपको भी सूखी खांसी की शिकायत है तो आप इन सिरप के बारे में सोच सकते हैं। कोई भी सवाल या परेशानी होने पर कमेंट बॉक्स के माध्यम से बताएं। उम्मीद है हमारा आज का प्रयास सफल रहा और आपको आर्टिकल पसंद आया।